Na jany kis liey umeedwar baitha / sad Poetry


نہ جانے کس لئیے امیدوار بیٹھا ہوں 
ایسی راہ پہ جو تیری راہ گزر بھی نہیں 

उम्मीदवार किसके लिए बैठा है, यह नहीं जानते

एक ऐसा रास्ता अपनाएं जो आपका रास्ता भी न हो

Na jany kis liey umeedwar baitha hon
Aisi rah  pay jo teri rahguzar bhi nahein

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